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Maalik Film Review 11July 2025: मालिक फिल्म का रिव्हीव 

 

मालिक (2025) – जब पावर का भूखा लड़का बना जुर्म का बेताज बादशाह!

 

तारीख: 11 जुलाई 2025 | सिनेमा: Inox (5 शो रोज), PEN Marudhar के ज़रिए ऑल इंडिया रिलीज़ | भाषा: हिंदी (A सर्टिफिकेट)

यार, क्या होता है जब एक मामूली मिडिल क्लास लड़के के अंदर पावर की भूख इतनी बढ़ जाती है कि वो अच्छे-बुरे की परवाह किए बिना जुर्म के रास्ते पर चल पड़ता है? वो बनता है “मालिक” — ऐसा नाम जिससे पुलिस तक थरथराने लगती है!

🔥 कहानी का तड़का

दीपक (Rajkumar Rao) एक सीधा-सादा लड़का है जो मिडिल क्लास फैमिली से है, लेकिन अंदर से पूरा पावर फ्रीक है। उसको बस राजनीति में जाना है, कुर्सी चाहिए, रौब चाहिए, और इसके लिए वो किसी भी हद तक जा सकता है। रिश्वत, मर्डर, गुंडई — सब उसकी रोजमर्रा की लाइफ का हिस्सा बन चुके हैं।

धीरे-धीरे उसका नाम इतना कुख्यात हो जाता है कि लोग उसे “मालिक” बुलाने लगते हैं। और तो और, पुलिस वाले तक उसके नाम से डरते हैं। अब इस कहानी का सबसे बड़ा शॉकिंग मोमेंट आता है जब ये दीपक अपने ही मेंटर, नेता शंकर सिंह (Saurabh Shukla), को ठिकाने लगा देता है 😲।

भाई, ये बंदा एक-एक कर अपने दुश्मनों को हटाता जाता है, लेकिन जैसा कि कहते हैं — कर्मा रिटर्न ज़रूर करता है। तो जो भी उसने किया, उसका हिसाब भी उसी को चुकाना पड़ता है।

🧠 कहानी में दिमाग तो है, लेकिन दिल गायब

अब बात करते हैं असली इशू की — यार, कहानी सुनने में तो सही लगती है लेकिन दिल को छू नहीं पाती। मतलब, Maalik के जितने भी क्राइम हैं, वो खुद के फायदे के लिए हैं। ना गरीबों के लिए, ना समाज के लिए — बस खुद के लिए।

इस वजह से जब Maalik के साथ बुरा होता है, तब भी हम फील नहीं कर पाते। कोई हमदर्दी नहीं होती। वो हीरो होते हुए भी हमारा हीरो नहीं बन पाता।

और फिर Prabhu Das (Prosenjit Chatterjee), जो एक पुलिस ऑफिसर है, उसका कैरेक्टर भी ऐसा बनाया गया है कि उसका डर, उसकी मजबूरी — सब नकली लगती है। जिस सीन में Maalik उसके घर में घुस जाता है — भाई, वो तो ऐसा लग रहा था जैसे स्कूल का बच्चा किसी टीचर से डर गया हो 😐।

 

🔫 हिंसा की हद पार

भाई मानना पड़ेगा, फिल्म में इतना खून-खराबा है कि हॉल में बैठे कुछ लोग तो आंखें बंद कर लेते हैं। U.P., बिहार जैसे इलाकों में शायद ये चले, लेकिन शहरों के फैमिली ऑडियंस और मल्टीप्लेक्स क्राउड के लिए ये थोड़ा ज्यादा हो गया।

🎭 एक्टिंग परफॉर्मेंस – कोई हिट, कोई मिस

Rajkumar Rao: भाई ने अपना रोल पूरा दम से निभाया है। Maalik के रोल में उसकी बॉडी लैंग्वेज, डायलॉग डिलीवरी और एक्शन — सब बढ़िया था। लेकिन स्क्रिप्ट ने उसको थोड़ा कमजोर बना दिया।

Manushi Chhillar: दीपक की बीवी Shalini के रोल में काफी प्यारी लगी। सीन छोटे थे, लेकिन असरदार।

Prosenjit Chatterjee: यार, इनसे ज्यादा उम्मीद थी। Prabhu Das के रोल में average ही लगे।

Anshuman Pushkar: Badauna के रोल में ठीक-ठाक। लेकिन क्लाइमेक्स में उसका ट्विस्ट थोड़ा ज़बरदस्ती का लगा।

Saurabh Shukla: Shankar Singh के रोल में दम था, लेकिन स्क्रीन टाइम बहुत कम मिला।

बाकी सारे एक्टर्स जैसे Swanand Kirkire, Saurabh Sachdeva, Rajendra Gupta — सबने काम सही किया लेकिन उनकी कहानियों में जान ही नहीं थी।

 

🎬 डायरेक्शन एंड टेक्निकल पार्ट

Pulkit का डायरेक्शन थोड़ा अधूरा सा लगा। फिल्म का फोकस सिर्फ़ हिंसा और पावर पर है, इमोशन्स गायब हैं।

🎶 म्यूज़िक:
Sachin-Jigar का म्यूज़िक अच्छा है।

Title Song दमदार

Dil Thhaam Ke सुनने लायक

Naamumkin वाला सीन इमोशनल बनाने की कोशिश करता है

🎥 Cinematography: Anuj Rakesh Dhawan का कैमरा वर्क काफ़ी प्रॉमिसिंग है।
🎬 Editing: Zubin Shaikh की एडिटिंग शार्प है लेकिन क्लाइमेक्स में खिंचाव आ गया।
🎨 Production Design और Art Direction रियलिस्टिक लगे।

💣 एक्शन: Raw, intense, लेकिन इतना ज्यादा हो गया कि नॉर्मल ऑडियंस के लिए थोड़ा भारी लग सकता है।

🤔 कुल मिलाकर – देखे या ना देखे?

अगर आप hardcoreआप hardcore क्राइम-ड्रामा और डायलॉगबाज़ी वाली फिल्में पसंद करते हो, और आपको डार्क कैरेक्टर्स से फर्क नहीं पड़ता — तो एक बार देख सकते हो।

लेकिन अगर आप एक दिल से जुड़ी कहानी, relatable कैरेक्टर्स और कम खून-खराबे वाली फिल्म देखना चाहते हो — तो भाई Maalik शायद आपके लिए नहीं है।

 

📊 बॉक्स ऑफिस और ओपनिंग

Release तो ऑल इंडिया लेवल पर हुई लेकिन सिर्फ  U.P., बिहार, राजस्थान में 

ही थोडी पकड बन पायी है!

Bombay जैसे बड़े शहरों में Inox और बाकी थिएटरों में 5 शो के बावजूद ओपनिंग काफी ठंडी रही।

Word of Mouth ने भी अब तक ज्यादा हवा नहीं दी।

 

🎯 Final Verdict – FilmiSurvey का फैसला

Maalik एक ऐसा कैरेक्टर है जो पावर के लिए कुछ भी कर सकता है, लेकिन उस कैरेक्टर से हमारा कोई इमोशनल कनेक्शन नहीं बनता। फिल्म में एक्शन है, म्यूज़िक है, एक्टिंग भी ठीक है — पर वो “soul” नहीं है जो हमें झकझोर दे।

Rating: 🌟🌟 (2/5)
सिर्फ़ कुछ pockets में चलेगी, बाकी जगह टिकना मुश्किल है।

📢 Bonus में थोड़ी बात अपनी वेबसाइट की भी…

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अगली बार फिर मिलेंगे किसी नए रिलीज के साथ — तब तक के लिए, popcorn खाओ, reviews पढ़ो और खुद डिसाइड करो कि कौन सी फिल्म है फुल पैसा वसूल!

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