parinati-marathi-film-review (Marathi) Film Review : परिणती मराठी फिल्म रिव्हीव
Parinati Review – जब जिंदगी की सर्जरी हो गई बार डांसर की मदद से! | By FilmiSurvey.com
क्या हो अगर एक doctor, जो दूसरों की ज़िंदगी बचाने का काम करती है, im ही ज़िंदगी की बुरी तरह टूटती तस्वीर देख ले? कुछ ऐसा ही देखने को मिलता है मराठी फिल्म “Parinati” में, जो 1 अगस्त 2025 को रिलीज़ हुई।
लेकिन भाई, अफसोस ये है कि जैसे ही दिल को छूने वाली कहानी शुरू होती है, फिल्म खुद ही अपनी emotional वायर से disconnect हो जाती है।
चलो अब करते हैं इस फिल्म का फुल ऑनेस्ट और थोड़ा मस्त college-student स्टाइल review – बिना किसी sugar coating के, क्योंकि हम भी दिल से review देते हैं और सच-सच बताते हैं!
कहानी – Emotional Punch या मिस?
Parinati की कहानी revolve करती है डॉ. साने (Amruta Subhash) के इर्द-गिर्द। एक दिन वो अपने पति को किसी और औरत के साथ रंगे हाथों पकड़ लेती है — और भाई, ये सीन उसका पूरा विश्वास, प्यार, और इज्जत सब कुछ एक झटके में तोड़ देता है।
इस emotional हादसे के बाद, डॉ. साने एकदम टूट जाती है, depression में चली जाती है और धीरे-धीरे शराब की लत में डूब जाती है।
फिर एक नया किरदार आता है – एक बार डांसर (Sonalee Kulkarni) – जो किसी मसीहा से कम नहीं निकलती। वो डॉ. साने की टूटी ज़िंदगी को अपने तरीके से patch करती है। और यहीं से शुरू होती है एक अजीब-सी but interesting female bonding।
कहानी का प्लॉट honestly interesting है। लेकिन execution ऐसा है कि दिल कहता है – ‘थोड़ा और deep जाते तो क्या ही बात होती!’
Performances – एक्टिंग में दम या ड्रामा?
Amruta Subhash as Dr. Sane – भाई, क्या ज़बरदस्त performance! उनकी आँखों में जो टूटापन है, वो पूरी screen को feel करा देता है। जो scenes हैं जहां वो अकेले बैठकर शराब पी रही होती हैं – next-level real लगते हैं।
Sonalee Kulkarni as the bar dancer – बहुत ही graceful और grounded role निभाया है। एकदम सच्चे दोस्त की तरह डॉ. साने को संभालती हैं, और उनके scenes में काफी warmth है।
Akshar Kothari as the cheating husband – अच्छा काम किया है लेकिन screen time कम मिला।
Chinmayee Swami और बाकी supporting cast ने भी decent काम किया है। किसी का acting level cringe नहीं गया, और ना ही over-dramatic लगा। सबने story को balance किया।
Screenplay & Direction – क्लास अपील या मास confusion?
Akshay Balsaraf ने इस फिल्म की story और direction दोनों संभाली है।
Storyline को देखा जाए तो mass appeal वाला विषय है – betrayal, depression, शराब, और फिर redemption – लेकिन उन्होंने screenplay को इतना class appeal वाला बना दिया है कि आम दर्शक bored हो सकते हैं।
मतलब, scenes बहुत slow paced हैं, dialogues बहुत polished लगते हैं और emotions इतने sophisticated हैं कि feel करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है।
और सबसे बड़ी बात – climax आते-आते फिल्म अपना path ही थोड़ा confuse कर देती है। जहां एक strong closure की उम्मीद थी, वहां बस एक subtle सा ‘okay bye’ वाला feel आता है।
म्यूजिक – कुछ गाना याद रहेगा?
फिल्म में music दिया है Praful-Swapnil, Samir Saptiskar और Vipin Agrawal ने। Honestly, कोई गाना ऐसा नहीं है जो घर जाते वक्त गुनगुनाने का मन करे।
Background music कुछ scenes में अच्छा काम करता है, especially emotional breakdown वाले moments में। लेकिन songs – just okay.
Lyrics (Mandar Cholkar, Sameer Samant, Sujay Jadhav) कुछ जगह पर अच्छे हैं लेकिन sadly, वो popularity तक नहीं पहुँच पाए।
Phulawa Khamkar की choreography decent है, लेकिन फिल्म की vibe dance-heavy है नहीं, तो ज़्यादा कुछ खास दिखाने का मौका नहीं था।
Technicals – थोड़ी तारीफ तो बनती है
Cinematography (Himanshu Dubey) – decent visuals, कुछ shots genuinely classy लगे। Bar scenes और isolation वाले scenes visually strong थे।
Art Direction (Satish Gawali) – एकदम natural sets। घर, clinic, बार – सब real-feel देते हैं।
Editing (Rajesh Rao) – भाई थोड़ा और crisp होता तो मज़ा आता। कई scenes unnecessarily खिंचे हुए लगे।
बॉक्स ऑफिस – सिनेमा में कौन गया?
फिल्म को release किया गया था Movie Time Goregaon में 1 show per day के साथ – इससे अंदाज़ा लग जाता है कि makers को खुद भी ज़्यादा उम्मीद नहीं थी।
Publicity इतनी कम थी कि social media पर लोग पूछ रहे थे – “ये फिल्म है भी या नहीं?” और opening भी उसी हिसाब से ठंडी थी।
Word of mouth भी average ही रहा – कुछ ने कहा acting बढ़िया है, लेकिन story drag करती है।
Final Verdict – देखूं या skip करूं?
Parinati एक अलग तरह की कहानी कहने की कोशिश करती है – एक औरत की emotional टूटी ज़िंदगी को एक unexpected दोस्त कैसे heal करता है, ये दिखाने की अच्छी मंशा थी।
लेकिन execution कहीं ना कहीं feel करने से रोक देता है।
अगर आप deep emotional films, slow-paced storytelling और layered female characters में interest रखते हो – तो एक बार देख सकते हो। लेकिन अगर आप हल्की-फुल्की या fast-paced कहानी ढूंढ रहे हो, तो भाई better options available हैं।
FilmiSurvey Rating: ⭐️⭐️ (2 out of 5)
Bonus – अब कुछ fun भी हो जाए!
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अब आपकी बारी
क्या आपने Parinati देखी? आपको कैसी लगी? क्या आपसे connect हुई या आप भी bar dancer जैसी कोई दोस्त ढूंढ रहे हो?
नीचे comments में बताओ और ये review अपने सभी movie-buff दोस्तों के साथ share करना ना भूलो!
– फिर मिलते हैं अगली धमाकेदार या धड़कन खो चुकी फिल्म के review के साथ, सिर्फ FilmiSurvey.com पर।
Tab tak filmy रहो, funky रहो!