‘FREAKIER FRIDAY’ (DUBBED) REVIEW In HINDI
Freakier Friday (हिंदी डब) — बॉडी-स्वैप का डबल धमाका, पर ठोस मज़ा आधा-आधा
यार, नाम सुनते ही पता चल जाता है — हा, ये Freaky Friday वालन जैसा ही कन्फ्यूज़न-मज़ेदार कॉन्सेप्ट है। पर Freakier Friday ने उसी आइडिया को आगे बढ़ाया और कहो तो double trouble ले आया — दो जोड़ों के बीच बॉडी-स्वैप! फिल्म हॉलीवुड की है, और हिंदी में डब करके इंडिया में रिलीज़ हुई है। मैंने इसे देखा और अपना कॉलेज-क्लास वाले अंदाज़ में नीचे सब बारीक लिखा है।
कहानी (सादा शब्दों में)
कहानी इतनी सिंपल पर पॉटेंट है — अन्ना कोलमैन (Lindsay Lohan) शादी वाली है, एरिज़ (Manny Jacinto) से। पर शादी से ठीक पहले ही अजीबो-गरीब हो जाता है: अन्ना और उसकी बेटी हार्पर (Julia Butters) के शरीर आपस में बदल जाते हैं। और उसी दिन टेंशन और बढ़ती है — अन्ना की माँ टेस (Jamie Lee Curtis) और दूल्हे की बेटी लिली (Sophia Hammons) भी अपना-अपना बॉडी स्वैप कर लेते हैं।
सोचो, दूल्हा अपनी होने वाली सास से मिलने आता है और वो किसी नन्हीं बच्ची के अंदर है — और दुल्हन की माँ एक छोटे बच्चे जैसी एनर्जी में घूम रही है। यानी हंगामा, कॉमेडी, थोड़ी टेंशन और भावनात्मक पल — सब कुछ मिलकर फिल्म चलती है। सवाल बड़े हैं: क्या अन्ना और एरिक शादी करेंगे? क्या हार्पर और लिली की नाखुशी सुलझेगी? और सबसे मज़ेदार — बड़े-छोटे जब दूसरे-दूसरे के जूतों में पड़ते हैं तो क्या सीखते हैं?
स्क्रीनप्ले और कहानी की ताकत-कमजोरी
Elyse Hollander और Jordan Weiss ने जो स्टोरी लिखी है, वो बेसिक आइडिया में मज़ेदार है। पर सच्चाई ये भी है कि आइडिया थोड़ा फ़ार-फेट्चड (तुर्रा-सा) लगता है — दो-दो बॉडी-स्वैप होने से क्लियरिटी पर असर पड़ता है। Jordan Weiss का स्क्रीनप्ले एंटरटेनिंग है, पर कुछ जगह पर उलझन भी छोड़ देता है — खासकर जब कॉमेडी पूरी तरह डायलॉग-बेस्ड हो और एक ही समय में चार अलग-अलग पर्सपेक्टिव हों।
कई सीन में डायलॉग ही जोक का सारा काम कर रहे हैं — जो अच्छा भी है, पर अगर डबिंग की टोन या ट्रांसलेशन कमज़ोर हुआ तो जोक गिर भी सकते हैं। कुल मिलाकर कहानी-आधारित मज़ा है, पर कभी-कभी ज़्यादा लंबी बातचीतें (verbose) होने से फिल्म की रफ्तार धीमी पड़ जाती है।
एक्टिंग — कौन चमका, कौन ठंडा रहा
Lindsay Lohan (Anna) — यार, लिंडसे ने अच्छे से निभाया। अन्ना की कन्फ्यूज़न, घबराहट और फिर धीरे-धीरे हार्पर के बॉडी में खुद को समझने की कोशिश — सब ठीकठाक था।
Jamie Lee Curtis (Tess) — कमाल की! एक मैच्योर माँ से इतनी कॉमिक-एनर्जी वाली छोटी लड़की में जाना — बहुत बढ़िया। वो सीन जब टेस-इन-लिली शरीर किसी फ्लर्टी-किड जैसा व्यवहार करती है, हॉल में हँसी छूट जाती है।
Julia Butters (Harper) — छोटी होने के बावजूद कॉमेडी टाइमिंग अच्छी। हार्पर का ड्रामा और नखरे वह खूब दे पाती है।
Sophia Hammons (Lily) — सुन्दर पर सधी हुई परफॉर्मेंस, खासकर जब वो बुजुर्ग टेस के शरीर में होती है।
Manny Jacinto (Eric) — शांत, सेंसिटिव और जो रोल में फिट बैठते हैं।
Chad Michael Murray (Jake) — छोटा पर प्रभावी कैमियो; पुराना ब्वॉयफ्रेंड वाली स्पार्क मिलती है।
Vanessa Bayer (Madame Jen) — फॉर्च्यून-टेलर वाली एंट्री कमाल की। औऱ बाकी सपोर्टिंग कास्ट ठीक-ठाक ही है।
कुल मिलाकर कास्ट ने अपना काम निभाया — कोई बुरा नहीं, पर ज़बरदस्त झकास परफॉर्मेंस भी कम दिखे।
डायरेक्शन और तकनीकी पक्ष
निशा गणात्रा ने फ़िल्म को हल्का-फुल्का कलर और क्लीन पेस दिया है। उनका टच क्लासी है — ज्यादा मसाला नहीं, थोड़ा स्मार्ट-क्लास ऑडियंस के लिए बना लगता है। Amie Doherty का बैकग्राउंड-स्कोर मूड सेट करता है, Matthew Clark की सिनेमैटोग्राफी फ्रेश और एपीलींग है, Kay Lee का प्रोडक्शन डिजाइन उपयुक्त है और editing (Eleanor Infante) तेज़-काट वाली है। डबिंग का काम भी ठीक है — जो हिंदी वर्ज़न के लिए जरूरी था।
लेकिन एक बात: ये फिल्म “मसाला” कम और “स्मार्ट-फर्माइला” ज़्यादा है — यानी हिंदी-बॉलीवुड पारिवारिक भीड़ को ये उतना आकर्षित नहीं करेगी। इसलिए बॉक्स-ऑफिस पोटेंशियल सीमित ही है।
मज़ेदार सीन-डिस्क्रिप्शन (थोड़ा रंग-रूप जोड़कर)
1. टीचिंग-मॉम वाला सीन — टेस (अब लिली के छोटे शरीर में) एरिक को ऑफिस-मीटिंग में कड़क-अंदाज़ में टोकती है:
“एरिच, तुमने मेरी बेटी को ऐसे लाइफ सेट करने दिया? अब तो मैं तुम्हें घर में सजा दूंगी!”
पूरा हॉल ठहाके से हंसता है — Jamie Lee की टाइमिंग कमाल।
2. ड्रेसिंग-रूम कॉमेडी — अन्ना (हार्पर के शरीर में) ब्राइडल मेक-अप करवाते-करवाते अचानक प्लास्टिक-गल्या-ड्रामा कर देती है:
“यार यह चीज़ें इतनी छोटी क्यों हैं? मैं कैसे दिखूँगी? ये मम्मी की ज़िंदगी कितनी भारी थी?”
हार्पर-इन-अन्ना बॉडी की शारीरिक नन्हाई और अन्ना-इन-हार्पर की मनोस्थिति का कॉन्ट्रास्ट मजेदार है।
3. आखिरी इमोशनल सीन — चारों की सिचुएशन क्लियर होती है और एक-दूसरे की जिंदगियों को समझकर सब कुछ सॉफ्ट-लैंडिंग पर आता है — यहाँ थोड़ी सेंसिटिविटी है और हल्की-सी खुशी भी।
(ये सीन डिस्क्रिप्शन फिल्म के टोन को जोड़ने के लिए हैं — स्पॉइलर से बचने की कोशिश की है)
बॉक्स-ऑफिस और पब्लिसिटी
फिल्म 8-8-25 को Gemini और मुंबई के कुछ सिनेमा में रिलीज़ हुई, पर ओपनिंग फ्लैट रही। JioStar इंडिया ने रिलीज़ की, पर पब्लिसिटी और ओपनिंग बहुत ज़ोरदार नहीं थे — इसलिए इंडिया में इंग्लिश और खासकर डब्ड वर्ज़न का बिज़नेस सीमित रहेगा। असल में ये मूवी उन लोगों के लिए है जो हल्की-फुल्की, स्मार्ट फैमिली कॉमेडी पसंद करते हैं — पर जमकर टिकी हुई भीड़ शायद नहीं आएगी।
क्या देखें या न देंखे — मेरी निश्चयपूर्ण राय
अगर तुम:
हल्की-फुल्की फैमिली कॉमेडी पसंद करते हो,
बॉडी-स्वैप जैसी फैन्टसी-फ्लर्टी कहानियों के फैन हो,
या Lindsay Lohan / Jamie Lee Curtis के फैन हो — तो एक बार देखने काबिल है।
अगर तुम:
पक्का मसाला-एंटरटेनर चाहते हो,
या भरी-पड़ी भीड़ वाला तमाशा पसंद करते हो — तो थिएटर के बजाय OTT पर देख लेना।
कुल मिलाकर — फिल्म फनफुल और कुछ जगहों पर दिलचस्प है, पर बड़ा धमाका नहीं करती।
मेरी पर्सनल फीलिंग
यार, मैंने ये फिल्म दोस्तों के साथ देखा — कई बार जोरदार हँसी आई, कई बार लगा “ये क्या जुगाड़ है?”, और अंत में अच्छा-सा सुकून मिला। Jamie Lee की कमाल की कॉमिक एंट्री और कुछ प्यारे-से फ़ैमिली-पल्स ने अच्छा इम्प्रेशन छोड़ा। अगर तुम शुक्रवार-नाइट पर वीकेंड मूवी ढूंढ रहे हो और मूड हल्का-फुल्का रखना है, तो ठीक रहेगा।
दोस्ताना रिक्वेस्ट
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