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Murderbaad Review : Murderbaad फिल्म का रिव्हीव 

Murderbaad Review : Murderbaad फिल्म का रिव्हीव 

 

FilmiSurvey Review – “Murderbaad” (2025) | जब जयपुर का टूर गाइड बना मर्डर मिस्ट्री का हीरो! 

 

भाई लोगो, crime thrillers का अपना ही एक मज़ा होता है — especially जब फिल्म की शुरुआत ही एक missing person से हो और फिर धीरे-धीरे कहानी mystery, murder और suspense में बदल जाए। ऐसे में अगर फिल्म का नाम हो “Murderbaad”, तो curiosity और भी बढ़ जाती है।

Reliance Entertainment और Acjee Entertainment की ये फिल्म सिनेमाघरों में 18 जुलाई 2025 को रिलीज़ हुई — लेकिन अफ़सोस, इसका opening इतना ठंडा था कि शायद खुद फिल्म के makers को भी शक हो गया होगा कि audience आएगी या नहीं।

लेकिन chalo, एक college student की नजर से मैं बता देता हूँ कि इस फिल्म में क्या खास था, क्या कचरा और क्या मिस कर दिया गया।

कहानी में है मर्डर का सस्पेंस, लेकिन आधे रास्ते में थम जाती है सांस

“Murderbaad” की शुरुआत होती है जयपुर में — जहाँ एक local tour guide (Nakul Roshan Sahdev) NRI tourists को heritage places घुमा रहा होता है। सब कुछ मस्त चल रहा होता है, एक NRI लड़की (Kanikka Kapur) से उसकी थोड़ी बहुत chemistry भी बन रही होती है… लेकिन तभी एक shocking twist आता है — ग्रुप में आई एक और tourist गायब हो जाती है!

अब सवाल खड़े होते हैं:

वो लड़की मरी है या बस खो गई है?

अगर मरी है, तो मर्डर हुआ या रेप के बाद मर्डर?

अगर मर्डर है, तो कातिल कौन है?

Arnab Chatterjee की लिखी हुई कहानी शुरुआत में एकदम पकड़ के रखती है। Audience सोचे जा रही होती है – “भाई अब क्या होगा?” But जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, suspense थोड़ा कमजोर पड़ने लगता है और thrill थोड़ा ठंडा हो जाता है।

 

Screenplay और Dialogues – अच्छे हैं, लेकिन wow नहीं

Screenplay में शुरुआत में तो grip है, लेकिन फिर वो charm फीका पड़ता जाता है।
Dialogues सुनते वक्त कई बार लगा – “हाँ ठीक है, चलो आगे बढ़ाओ” — मतलब कुछ खास punch नहीं था।

एक्टिंग डिपार्टमेंट – Nakul और Kanikka shine करते हैं, बाकी भी support अच्छा देते हैं

Nakul Roshan Sahdev ने tourist guide का role निभाया है और honestly कहूँ तो भाई ने अच्छा काम किया है। उनका confidence और body language real लगता है।

Kanikka Kapur NRI लड़की के role में काफी natural लगीं। उनका performance refreshing था।

Sharib Hashmi – जितने भी scenes में हैं, presence ज़रूर feel होती है।

Manish Chaudhari, Saloni Batra, Ravina Sharma, Amole Gupte – सबने decent काम किया है।

Anjan Srivastava एकदम natural लगे – उन्हें देखके असली acting का मतलब समझ आता है।

बाकी कलाकार जैसे Masood Akhtar, Subrat Dutta, Uday Tikekar, Vibha Chibber ने support roles में अच्छी presence दिखाई।

 

 

Direction – ठीक-ठाक, लेकिन और अच्छा हो सकता था

Arnab Chatterjee ने direction भी खुद ही किया है। कुछ scenes को बहुत अच्छे से craft किया है – especially जब suspense build हो रहा होता है। लेकिन mid-point के बाद screenplay और direction दोनों lose हो जाते हैं। ऐसा लगता है जैसे फिल्म तेज़ी से build हुई, फिर neutral gear में आ गई।

म्यूज़िक और तकनीकी पक्ष – mixed bag

Music by Rickie – average है। कोई भी गाना ऐसा नहीं है जो आप घर जाकर दुबारा सुनना चाहो।

Background score कुछ जगह thrill बढ़ाता है, लेकिन overall impact थोड़ा flat रहता है।

Lyrics (Kuku Prabhas) फिल्म के mood के साथ sync में हैं, लेकिन कोई खास impression नहीं छोड़ते।

Cinematography by Binod Pradhan – भाई, ये फिल्म का सबसे strong point है। जयपुर की गलियों, heritage sites और रंगों को बहुत खूबसूरती से capture किया गया है। Visuals stunning हैं!

Action/Stunts by Sham Kaushal – थोड़े बहुत scenes में thrill लाते हैं।

Editing (Dev Rao Jadhav) – sharp है। Pace अच्छा रखा गया है, लेकिन screenplay का थक जाना फिर भी बच नहीं पाता।

 

Box Office हालात – सस्पेंस से भी ज़्यादा गायब रही audience

फिल्म Metro Inox, Mumbai में रोज़ एक show के साथ रिलीज़ हुई और बाकी जगहों पर भी screen count कम था।

Publicity लगभग zero थी – seriously, लोगों को पता भी नहीं था कि ये फिल्म आ भी गई है।

Opening – बहुत कमजोर रही। और आगे भी word of mouth से ज़्यादा उम्मीद नहीं लगती।

 

 

Final Verdict – एक ठीक-ठाक मर्डर मिस्ट्री, लेकिन potential पूरी तरह इस्तेमाल नहीं किया गया

“Murderbaad” में ingredients थे — एक खूबसूरत setting, capable actors, और एक engaging premise। लेकिन execution थोड़ा अधूरा रह गया।

शुरुआत में जो curiosity थी, वो फिल्म के दूसरे हाफ में कमजोर हो जाती है। फिर भी, अगर आपको crime thrillers पसंद हैं, और आप Who Did It type की films enjoy करते हैं – तो एक बार देख सकते हो।

लेकिन अगर आप एक edge-of-the-seat, mind-blowing thriller ढूंढ रहे हो, तो ये फिल्म उतना satisfy नहीं करेगी।

हमारी तरफ से रेटिंग:

Story & Premise – 7/10

Screenplay & Dialogues – 5/10

Acting – 7/10

Direction – 6/10

Music – 4/10

Cinematography – 8/10

Overall Score: 6/10 – एक बार देखने लायक है, बस expectations थोड़ी low रखो।

 

 

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फिर मिलेंगे अगले review में –
तब तक suspense में रहो, popcorn साथ रखो

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