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Tanvi The Great Review : तन्वी द ग्रेट फिल्म का रिव्हीव 

The Great Review : तन्वी द ग्रेट फिल्म का रिव्हीव 

 

फिल्मी सर्वे स्पेशल रिव्यू — “Tanvi The Great” | एक अच्छी सोच, लेकिन अधूरी उड़ान 

 

कई बार सिनेमा सिर्फ एंटरटेनमेंट नहीं होता, वो एक इमोशन होता है।
“Tanvi The Great” भी कुछ ऐसा ही बनने की कोशिश करती है — एक स्पेशल बच्ची की कहानी, उसके सपने, और एक अधूरे वादे को पूरा करने की जिद। लेकिन क्या ये फिल्म वाकई दिल को छू पाती है? चलिए एक यंग फिल्म रिव्यूअर की नजर से बात करते हैं, थोड़ा खुले दिल से और पूरी ईमानदारी के साथ।

कहानी की उड़ान – एक सपना जो सियाचिन तक पहुंचना चाहता है

Tanvi Raina (जिसका रोल निभाया है डेब्यू कर रही Shubhangi Dutt ने) एक ऑटिस्टिक लड़की है। उसके पापा इंडियन आर्मी में कैप्टन थे और एक मिशन के दौरान, सियाचिन में तिरंगा फहराने से ठीक पहले, उनका निधन हो जाता है। अब Tanvi के मन में एक ही सपना है – अपने पापा का अधूरा सपना पूरा करना, यानी सियाचिन में जाकर तिरंगा फहराना।

लेकिन दिक्कत ये है कि आर्मी में ऑटिज़्म वाले लोगों को भर्ती नहीं किया जाता। फिर भी Tanvi हार नहीं मानती। वो Major Srinivas (Arvind Swami) से ट्रेनिंग लेती है ताकि वो आर्मी में शामिल हो सके।

सवाल ये है – क्या Tanvi अपने पापा का सपना पूरा कर पाती है या नहीं?

 

डायरेक्शन और स्क्रीनप्ले – इमोशन की कमी

ये फिल्म Anupam Kher और NFDC के बैनर तले बनी है, और इसका डायरेक्शन खुद Anupam Kher ने किया है। कहानी noble है, मतलब नीयत बिलकुल साफ — एक खास बच्ची की जर्नी दिखाना, जो आजकल के सिनेमा में कम देखने को मिलता है। लेकिन भाई, execution में बहुत सारी कमियां हैं।

स्क्रीनप्ले काफी रिपिटेटिव है। एक ही टोन, एक ही pace — ना तो इमोशन ठीक से निकलकर आता है और ना ही excitement बनती है।

कुछ scenes बिल्कुल out of place लगते हैं। जैसे कि Tanvi के दादाजी (Colonel Pratap Raina) कई बार काफी insensitive बात कर जाते हैं अपनी ऑटिस्टिक पोती से। समझ नहीं आता कि ये dramatize करने के लिए किया गया या बस casually डाल दिया गया।

फिल्म का सबसे मजबूत हिस्सा लास्ट का इंटरव्यू सीन है जब Tanvi सीनियर आर्मी ऑफिसर्स के सामने बैठती है। उस वक्त थोड़े इमोशन्स आते हैं, और कुछ लोगों की आंखें भी नम हो सकती हैं।

 

एक्टिंग – Shubhangi steals the show!

Shubhangi Dutt ने जिस कॉन्फिडेंस से अपना पहला रोल निभाया है, वो काबिल-ए-तारीफ है। Tanvi के कैरेक्टर को उन्होंने बहुत sensitivity और maturity के साथ निभाया है।

Anupam Kher खुद Colonel Pratap Raina बने हैं – honestly, वो average लगे। उनके किरदार को और better लिखा जा सकता था।

Pallavi Joshi (Tanvi की माँ) का रोल बहुत छोटा है लेकिन जितना भी screen time मिला, उसमें वो natural लगीं।

Jackie Shroff (Brigadier Joshi) हमेशा की तरह screen पर strong presence लेकर आए।

Boman Irani, Arvind Swami, और Karan Tacker जैसे एक्टर्स भी फिल्म में हैं, लेकिन roles छोटे और प्रभाव भी उतना नहीं पड़ा।

बाकी सपोर्टिंग एक्टर्स जैसे M. Nasser, Gautam Ahuja, Ritwik Tomar आदि ने भी decent performances दी हैं, लेकिन कहानी इतनी flat है कि किसी का काम ज़्यादा उभर के नहीं आता।

 

 

म्यूज़िक – दिल को छूने वाला… लेकिन याद नहीं रहने वाला

M.M. Keervani का म्यूज़िक सॉफ्ट और मेलोडियस है। कुछ गाने आपको उस वक्त अच्छा फील देंगे, लेकिन सिनेमाघर से निकलने के बाद शायद याद भी ना रहें।

Kausar Munir के lyrics बहुत सिंपल हैं, इतना कि कुछ लाइनें nursery rhyme जैसी लगती हैं। कुछ गहराई missing है।

Background score थोड़ा better है, कुछ जगह इमोशन्स लाने में मदद करता है लेकिन overall wow factor मिसिंग है।

 

Technical Department – थोड़ा ठीक, थोड़ा ढीला

Cinematography (Keiko Nakahara) बहुत सुंदर है। खासकर सियाचिन और आर्मी कैंप के shots काफी अच्छे हैं।

Action scenes को Sunil Rodrigues ने choreograph किया है – ठीक-ठाक हैं, ना कुछ extra ordinary, ना ही weak।

Editing (Tushar Parekh) में बहुत scope था सुधार का। फिल्म कई जगह खिंचती हुई लगती है। कुछ scenes बिल्कुल avoid किए जा सकते थे।

Production design और Art direction decent हैं, लेकिन कहीं भी ‘grand’ feel नहीं आता।

 

 

Conclusion – “एक अच्छा मैसेज, लेकिन अधूरी इमोशनली कनेक्टेड फिल्म”

Tanvi The Great देखने के बाद दिल में एक ही बात आती है – “काश ये फिल्म अपने मकसद को थोड़े बेहतर तरीके से दिखा पाती।”
ऑटिज्म जैसे विषय को सेंटर में लाकर एक inspiring कहानी बनाना एक bold कदम है, लेकिन उसे अच्छे से निभाना और लोगों के दिल तक पहुंचाना उतना ही ज़रूरी होता है।

जो लोग संजीदा कहानियां पसंद करते हैं, वो शायद इससे कुछ जुड़ाव महसूस कर पाएं।

लेकिन आज की audience जो एक strong emotional impact या solid storytelling चाहती है, उनके लिए ये फिल्म थोड़ी ठंडी लगेगी।

 

Box Office पर क्या हाल है?

फिल्म 18 जुलाई 2025 को रिलीज़ हुई – Bombay के Inox में दो शो और कुछ और सिनेमाघरों में भी।

Publicity थी बहुत हल्की। ना TV ads दिखे, ना YouTube पर ज़्यादा buzz था।

Opening भी expectedly poor रही है। Word of mouth भी average है, तो आने वाले दिनों में फिल्म का चलना मुश्किल लग रहा है।

 

 

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अगली बार मिलते हैं एक और नई फिल्म के साथ!
तब तक के लिए – popcorn sambhalo aur asli cinema chuno

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